मैट्रो अस्पताल फरीदाबाद में हाल ही में 58 वर्षीय मरीज़ की आंशिक लेप्रोस्कोपिक नेफ्रेक्टोमी की गई। मरीज़ की दोनों किडनी में bilateral renal mass था, रिपोर्ट्स के अनुसार दाएं तरफा गुर्दे में 2 सेमी का रीनल मास्स एवं बाएं तरफा गुर्दे में 5 सेमी का रीनल मास पाया गया, जिसके इलाज़ के लिए मरीज़ ने कई बड़े अस्पतालों में डॉक्टर को दिखाया परन्तु सबने किडनी निकालने की बात कही, अगर मरीज़ की किडनी निकाल दी जाती तो उन्हें डायलिसिस पर रहना पड़ता। मरीज़ डायलिसिस नहीं करवाना चाहता था| उन्होंने डॉ रितेश मोंगा, डायरेक्टर, यूरोलॉजी और किडनी ट्रांसप्लांट विभाग, मैट्रो अस्पताल फरीदाबाद से इस बारे मैं संपर्क किया
सभी जांचो के बाद मरीज़ की दोनों किडनी में कैंसर का पता चला, जिसका समय रहते निकालना बहुत ही जरूरी था अन्यथा वह पूरी किडनी में फ़ैल सकता था जिससे किडनी निकलने की नौबत भी पड़ सकती थी। डॉ रितेश ने मरीज़ को partial Nephrectomy के बारे में बताया जिसमे मरीज़ की पूरी किडनी की बजाये केवल उस हिस्से को निकाला जायेगा जिसमे कैंसर है, यह प्रोसीजर मिनिमल इनवेसिव तकनीक से किया जाता है।
मरीज़ की सहमति के बाद, लैप्रोस्कोपी द्वारा पार्शियल नेफ्रेक्टोमी की गई जिसमे ट्यूमर वाले हिसे को हटा दिया गया और दोनों किडनी को बचा लिया गया। डॉ रितेश मोंगा ने कहा की किडनी ट्यूमर में हम यह कोशिश करते है की मरीज़ को किडनी को बचा लिया जाये, इसी लिए इस सर्जरी को kidney-sparing surgery भी कहा जाता है। यह अत्यधिक तकनीकी और जटिल प्रक्रिया है जिसमें सर्जन का अनुभव और कुशलता बहुत मान्य रखती है। उन्होंने बताया की मैट्रो अस्पताल में वह इस तरह की जटिल सर्जेरी पूरी सफलता के साथ करते आ रहे है।
किडनी के कैंसर में Partial nephrectomy या Nephron sparing सर्जरी का रिजल्ट बहुत अच्छा रहता है । इस सर्जरी के बाद मरीज़ की रिकवरी में कम समय लगता है, अस्पताल में कम रहना पड़ता है और दर्द भी कम होता है। सर्जरी के पश्चात् मरीज़ फिर से सामान्य जीवन शुरू कर सकता है। यह सर्जरी उन लोगो के लिए बहुत फायदेमंद है जिन्हे पहले से ही गुर्दे की बीमारी है या फिर ऐसी बीमारी है जो गुर्दे की बीमारी या गुर्दे की विफलता का कारण बने|